भारतेन्दु युग किसे कहते हैं।। भारतेंदु युग की विशेषताएं
भारतेन्दु युग - इस पोस्ट में हम भारतेन्दु युग,द्विवेदी युग और छायावाद का अध्ययन करेंगे। और साथ ही इनकी विशेषताएँ, रचनाकार एवं उनकी रचनाओं का अध्ययन करेंगे। भारतेन्दु युग की समय सीमा - भारतेन्दु युग का रचनाकाल - 1850 ई से 1900 ई तक माना जाता है। क्योंकि भारतेन्दु जी का रचनाकाल 1850 ई से 1885 ई तक रहा है।महावीर प्रसाद द्विवेदी ने सरस्वती पत्रिका का सम्पादन 1903 में सम्भाला था और इस पत्रिका का प्रकाशन 1900 ई से शुरू हुआ था अतः 1850 से 1900 ई तक के समय को ही भारतेन्दु युग कहना उचित है। भारतेन्दु युग का नाम भारतेन्दु हरीश्चन्द्र के नाम पर रखा गया है। भारतेन्दु हरीश्चन्द्र हिंदी नवजागरण के अग्रदूत के नाम से प्रसिद्ध हैं। भारतेन्दु जी को गद्य का जनक कहा जाता है। भारतेन्दु हरीश्चन्द्र के पिता गोपाल चन्द्र 'गिरिधर दास' अपने समय के प्रसिद्ध कवि थे। इस युग में खड़ी बोली और बृजभाषा अत्यधिक प्रसिद्ध रही। भारतेन्दु मंडल- इस युग में भारतेन्दु हरीश्चन्द्र को केंद्र में रखते हुए अनेक साहित्यकारों का एक मंडल बना जिसका नाम भारतेन्दु मंडल रखा गया। इस मंडल के रचनाकारों ने भारतेन्दु जी का अनुस...