तार सप्तक क्या है? तार सप्तक के कवि कौन-कौन हैं



तार सप्तक 

तार सप्तक क्या है

 तार सप्तक सात कवियों का एक मंडल है ।

अज्ञेय द्वारा 1943 ई० में सात कवियों का एक मण्डल बनाया गया जिसे तार सप्तक कहा गया। इसका संकलन एवं संपादन भी अज्ञेय जी ने किया।  

तार सप्तक में 7 कवि शामिल होते हैं जो एक साथ मिलकर अपनी कविताओं का संकलन और उनका प्रकाशन करते हैं।

तार सप्तक प्रभाकर माचवे के दिमाग की उपज है। सबसे पहले प्रभाकर माचवे के दिमाग में यह बात आई कि तार सप्तक का संकलन होना चाहिए। प्रभाकर माचवे सोचते ही रह गए और अज्ञेय जी ने तार सप्तक का संकलन एवं संपादन कर दिया।

इसलिए तार सप्तक के संपादन का श्रेय अज्ञेय को जाता है।

तार सप्तक की परिभाषा-

अज्ञेय जी के अनुसार -

'एक ही प्रकार की भाव चेतना के तार में पिरोए हुए कवियों की रचनाओं का संकलन तार सप्तक कहलाता है।'

'यह सातों कवि किसी एक स्कूल के नहीं है। वे राही नहीं है अपितु राहों के अन्वेषी हैं।' 

अन्वेषी का मतलब होता है खोज करना या ढूंढना। ये कवि किसी एक राह पर नहीं चले बल्कि उन्होंने नई नई राहों की खोज की। सप्तक के कवि प्राचीन काव्य धारा पर ना चलकर उन्होंने अपनी एक नई धारा निकाली। इस धारा को प्रयोगवादी काव्यधारा कहा गया।

जिस प्रकार तार सप्तक में 7 कवि शामिल होते हैं उसी प्रकार तार सप्तक का प्रकाशन भी 7 साल बाद मतलब अगले सप्तक का प्रकाशन सात वर्ष के बाद आठवें वर्ष में होता है।

पहले तार सप्तक को तार सप्तक नाम से जाना जाता है और इसका प्रकाशन वर्ष सन 1943 है। 

दूसरा सप्तक का प्रकाशन वर्ष तार सप्तक के 7 वर्ष बाद आठवें वर्ष 1951 में हुआ।

तीसरा सप्तक का प्रकाशन वर्ष 1959 है।

 लेकिन चौथे सप्तक का प्रकाशन तीसरे सप्तक के 20 साल बाद हुआ। इसका प्रकाशन वर्ष 1979 है।

 ध्यान रखने वाली बात यह है की प्रथम तार सप्तक को तार सप्तक के नाम से जाना जाता है उसके बाद दूसरा सप्तक, तीसरा सप्तक और चौथा सप्तक प्रकाशित होता है। तार सप्तक केवल प्रथम सप्तक को कहा जाता है बाकी तीन सप्तक में तार शब्द नहीं जोड़ना है।

तार सप्तक का महत्व-  

तार सप्तक ऐतिहासिक महत्त्व इस रूप में है कि इसी संकलन से हिन्दी काव्य साहित्य में प्रयोगवाद का आरम्भ होता है।

तारा सप्तक के संपादक -

तार सप्तक के संपादक सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय हैं।

तार सप्तक के चार प्रकाशन हुए -

तार सप्तक का प्रकाशन वर्ष - 1943 ई 

दूसरा सप्तक का प्रकाशन वर्ष - 1951

तीसरा सप्तक का प्रकाशन वर्ष - 1959

चौथा सप्तक का प्रकाशन वर्ष -1979

तार सप्तक के कवि -

  1. अज्ञेय, 
  2. मुक्तिबोध, 
  3. गिरिजाकुमार माथुर, 
  4. प्रभाकर माचवे, 
  5. भारत भूषण अग्रवाल, 
  6. नेमीचंद जैन, 
  7. रामविलास शर्मा

Code- अज्ञेय मुक्ति गिरिजा प्रभा भारत नेमी राम

दूसरा सप्तक के कवि -

  1. रघुवीर सहाय, 
  2. धर्मवीर भारती, 
  3. नरेश मेहता, 
  4. शमशेर बहादुर सिंह, 
  5. भवानी प्रसाद मिश्र, 
  6. शकुंतला माथुर, 
  7. हरिनारायण व्यास

Code - हर धर्म नश भश

तीसरा सप्तक के कवि - 

  1. कीर्ति चौधरी, 
  2. प्रयाग नारायण त्रिपाठी, 
  3. केदारनाथ, 
  4. कुंवर नारायण, 
  5. विजयदेव नारायण साही, 
  6. सर्वेश्वर दयाल सक्सेना, 
  7. मदन वात्स्यायन

Code - कीर्ति प्रयाग केदार कुंवर विजय सर्वे मदन

चौथा सप्तक के कवि -

  1. अवधेश कुमार, 
  2. राजकुमार कुम्भज, 
  3. स्वदेश भारती, 
  4. नंदकिशोर आचार्य, 
  5. सुमन राजे, 
  6. श्री रम वर्मा, 
  7. राजेंद्र किशोर

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